A premium stoppage for authentic Jain food

Babulal Jain Foods is a pioneer food service at Nandurbar railway station. Located at the railway station itself, it was started way back in 1963 by Mr Babu Lal Jain. They started their service by delivering in only one of the coaches at the railway station.

Slowly and steadily, the services got spread in other trains as well and due to its quality and the only availability option, it became quite popular.

Currently managed by Mr Amit Jain, the restaurant serves authentic flavours of Jain food. It offers Jain Thalis to its customers as well as train travellers with the help of its 25-member kitchen team. It has a sitting capacity of around 25 people in its restaurant.

“I am a Hotel Management graduate myself and have worked with JW Marriott (Mumbai). After demise of my father, I took over the charge of this restaurant and is using my background and experience in offering best of services to the customers”, shares Amit Jain.

“Moreover, what have made us more popular amongst our customers is our flexible services. We understand the needs of travellers while they are onboard and hence offer all extra services(water, medicine, doctors) free of cost”, says Mr Jain.

साल 1963 से रेलयात्रियों की सेवा में

महाराष्ट्र के छोटे से जिले नंदूरबार का ‘बाबूलाल जैन फूड्स‘ रेस्टोरेंट स्वाद, शुद्धता एवं सत्कार की परंपरा का सटीक उदाहरण है। सन 1963 में स्वर्गीय बाबूलाल जैन द्वारा शुरू किए इस रेस्टोरेंट को आज उनकी तीसरी पीढ़ी चला रही है। होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई एवं प्रतिष्ठित होटल के अनुभवी अमित जैन बताते है कि आज भी उनके यहां उनके दादा के शुरू किये जैन थाली सिस्टम की ही परंपरा है।

अमित बताते है कि उनके पिता के बाद जब बाबूलाल जैन फूड्स की देखभाल की जिम्मेवारी उन पर आयी तो वे एक प्रतिष्ठित होटल में एक ऊंचे पद पर काम कर रहे थे। वे इस रेस्टोरेंट को बंद भी कर सकते थे मगर ऐसा करना जहां उनके लिए एक परंपरा को समाप्त करना जैसा होता वहीं हजारों जैन व्यंजनों के शौकिनों को भी इसका नुकसान उठाना पड़ता। इन्हीं सब बातों के बारे में सोचकर उन्होंने अपनी जॉब छोड़ दादा की विरासत को संजोने का निर्णय लिया।

25 लोगों की अनुभवी कर्मठ किचन टीम एवं स्वयं होटल मैनेजमेंट की समझ रखने वाले अमित के रेस्टोरेंट बाबूलाल जैन फूड्स में दो प्रकार की जैन थाली की विशेषता है। जैन व्यंजनों की इस थाली के नाम डिलक्स थाली एवं प्रीमियम थाली है। रेस्टोरेंट में 25 लोगो के बैठने का पर्याप्त इंतजाम है।

जहा तक बात रेलयात्रियों को जैन थाली के स्वाद से रूबरू कराने की बात है तो बाबूलाल जैन फूड्स अपने शुरूआती दिनों से ही पश्चिम रेलवे के साथ काम करता आया है। नंदूरबार रेलवे स्टेशन पर बने इस रेस्टोरेंट के पास चार दशकों से ज्यादा वक्त से रेलयात्रियों की सेवा का अनुभव है जब वहां से मात्र एक रेलगाड़ी ही गुजरती थी।रोजाना सैकड़ों रेलयात्रियों को अपनी सेवा उपलब्ध करा रहे इस रेस्टोरेंट के बारे में अमित अपने अनुभव बांटते हुए बताते है कि उनका यहां पांच लोगो की विशेष टीम है जो रेलयात्रियों को फूड डिलिवरी करती है। मगर कभी-कभी एक से ज्यादा रेलगाड़ी के एक साथ आ जाने पर उन्हें अतिरिक्त लोगों को भी इस काम में लगाना पड़ता है ताकि कोई रेलयात्री भूखा न रह जाए और किसी को रेलगाड़ी से उतरने की जरूरत न पडे़।